’हेल्दी हैंडस, केयरिंग हर्ट्स’ के थीम पर आयोजित तीन दिवसीय XXVIII BOGSCON-2022 संपन्न

 ’हेल्दी हैंडस, केयरिंग हर्ट्स’ के थीम पर आयोजित तीन दिवसीय XXVIII BOGSCON-2022 संपन्न

हेल्दी हैंडस, केयरिंग हर्ट्स’ के थीम पर आयोजित तीन दिवसीय XXVIII BOGSCON-2022 संपन्न

समय से अंडाशय कैंसर का पता चले, तो डायग्नोसिस होता है आसान :डॉ सुभाष माल्या

पटना : 02 दिसंबर 2022 से होटल मौर्या (पटना) में चल रहे तीन दिवसीय ऑब्स्ट्रक्ट एंड गाइनेकोलॉजी सोसाइटी द्वारा XXVIII BOGSCON-2022 सफलतापूर्वक आज संपन्न हो गया। इस मौके पर देश भर से आए डॉक्टरों ने स्त्री रोग और उसके निदान से जुड़े विषय पर परिचर्चा की। सत्र में विशेष रूप से किशोरावस्था में लड़कियों और लड़कों दोनों में 10 से 19 वर्ष की आयु के जीवन की अवधि पर फोकस किया गया। किशोर स्वास्थ्य राष्ट्र की संपत्ति है, मजबूत भारत के निर्माण के लिए किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल करना सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। विशेषज्ञों के पैनल ने स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं जैसे पोषण, मासिक धर्म की समस्याओं, पीसीओडी, किशोर लड़कियों में माताओ, गर्भनिरोधक और कामुकता और मनोवैज्ञानिक समस्याओं पर चर्चा की।

लोक मंच समिति की अध्यक्ष डॉ. प्रमिला मोदी ने विषय और प्रतिभागियों का संक्षिप्त परिचय दिया। सत्र का संचालन डॉ. नीलम, डॉ. पूनम दीक्षित और डॉ. राजरानी चौधरी ने किया। पैनलिस्ट श्रीमती वीना गुप्ता, डॉ. साधना गुप्ता, श्रीमती अमिता गुप्ता, प्रो. रूपम और श्रीमती मनीषा ने किशोरियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए अपनी राय और सुझाव दिए, जिसकी समाज में सख्त जरूरत है। रिकॉर्ड के अनुसार, भारत में कुल 253 मिलियन किशोर आबादी है।

इस मौके पर आज कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल मुंबई के डॉ संजय पांडेय ने कहा कि यूरो गाइनोक्लोजी में महिलाओं की यूरोनरी प्रॉब्लम मिस हो जाती है। यूरोनरी प्रॉब्लम के लिए सभी मिल कर काम करे, या फिर यूरोनरी प्रॉब्लम को उस तरह से से ले जाएं जिसमें पेसाब का लीक हो जाना, यूरिन को बार बार इंफेक्सन हो जाना, पेशाब बार बार वर्जाइना से या मल द्वार से निकलना या ऐसे भी कुछ केस है जिसमे जन्म के साथ यूट्रस और वर्जाइना नही रहता, यह जन्म के साथ पता नही चलता है। यह तब पता चलता है जब 14 – 15 साल में जब लड़की को पिरिड्स नही होता है। वैसे लड़कियों के लिए हम एक नया वर्जाइना बनाते है। ऐसी बहुत सी लड़कियां है जिनका यूरिन में बार बार इंफेक्शन होता है, और वो इंफेक्शन का कारण जान नही पाती है। बहुत लोगो को यह पता नही है की पुरुषों के मुकाबले यह औरतों में ज्यादा होती है। क्योंकि पेशाब के रास्ते में कोई वैक्ट्रिया नही होता है, पर मल द्वार और वर्जाइना में वैक्ट्रिया भरे रहते है। और ये जब बाहर आते हैं तो पेशाब के रास्ते को डिस्टर्ब करते है, इसलिए सेक्सुअल एक्टिविटी या पेशाब के बाद साफ सफाई रखना बहुत जरूरी है। सफाई नही रखेंगे तो यह पेशाब के रास्ते के बाहर ये वैक्ट्रिया आपको परेशान कर सकते है। यह समस्या सेक्सुअल एक्टिविटी या उस उम्र में होते है जब हमारे हार्मोन्स खत्म हो जाते है या पीरियड्स आने बंद हो जाते है।

उन्होंने कहा की पेशाब को कंट्रोल न कर पाना आज महिलाओं की बड़ी समस्या है। इसे ओवर एक्टिव ब्लाडर कहते है। आज इसकी दवाइयां आती है। जिससे बार बार पेशाब आना या लीक हो जाना रुक जाती है। आज महिलाओं को इसके लिए डाइपर या पैड पहनने की जरूरत नही है। आज औरतों की यह प्रॉब्लम हद तक मिस हो गई है। आज इसको यूरोलॉजी और गाइनोक्लोजी के मध्यम से जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने महिलाओं के लिए कहा कि अगर आपका पेशाब लीक हो रहा है और कंट्रोल नही कर सकते तो इस में देर न करे और तुरंत अपने यूरोलॉजीस्ट और गाइनोक्लोजीस्ट से मिले।

इसके अलावा अंडाशय कैंसर को लेकर कालीकट केरल से आए डॉ सुभाष माल्या ने विस्तार से चर्चा की और कार्यशाला में शामिल हो रहे डॉक्टरों से इसके बारे में रोचक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अंडाशय की गांठ का अगर समय से पता चले, तो उसका डायग्नोसिस आसानी से किया जा सकता है। अल्ट्रा साउन्ड से इसकी जानकारी मिलती है और उसके बाद उसका इलाज भी आसानी से किया जा सकता है। हालांकि 99 प्रतिशत अंडाशय में गांठ कैंसर नहीं है, फिर भी सतर्कता बरतनी चाहिए।

वहीं, इस कार्यशाला में रोटरी, लायंस, पंजाबी ब्रैडी महिला विंग, मारवाड़ी महिला समिति, मारवाड़ी महिला मंच, अधर महिला स्वाबलम्बी सहकारी समिति, आमंत्रित अतिथियों एवं विद्यालयों की किशोरियों आदि की सक्रिय भागीदारी रही। अंत में धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन संयुक्त आयोजन सचिव डॉ. चारू मोदी ने किया। अंत में, XXVIII BOGSCON-2022 सम्मेलन की आयोजन अध्यक्ष डॉ. विनीता सिंह ने कहा कि इस बार इस सम्मेलन का थीम ’हेल्दी हैंडस, केयरिंग हर्ट्स’ था। उन्होंने बताया कि सम्मेलन को 14 ICOG क्रेडिट पॉइंट और 8 बिहार काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन (BCMR) क्रेडिट घंटे से सम्मानित किया गया । सम्मेलन में मुख्य रूप से जोखिम में गर्भावस्था का प्रबंधन, प्रजनन जीवन में हार्मोन असंतुलन, ट्यूमर सौम्य से घातक, प्रजनन क्षमता बढ़ाने में वर्तमान रुझान, ऑपरेटिव प्रसूति और प्रजनन नियंत्रण आदि विषयों पर चर्चा हुई। इस आयोजन का शुभ उद्घाटन

उन्होंने कहा कि कार्यशाला की शुरुआत ‘बांझपन’ पर प्री – कॉन्फ्रेंस से हुई। किशोर स्वास्थ्य” पर एक सार्वजनिक मंच भी आयोजित किया जाता है जहां किशोरों और किशोरों की समस्याओं और चुनौतियों पर विभिन्न विशिष्टताओं के सम्मानित पैनलिस्टों द्वारा चर्चा की गई। इस दौरान देश भर से 40 से अधिक राष्ट्रीय संकायों के वरिष्ठ पूर्व अध्यक्षों, संरक्षकों और सलाहकारों जैसे पद्मश्री डॉ. शांति रॉय, डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डॉ. प्रमिला मोदी, डॉ. के. जी. कपूर के साथ अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। डॉ. बरुण कला सिन्हा हैं। उन्होंने सबों का आभार व्यक्त करते हुए इस कार्यशाला को सफल बताया।

Kundan Kumar

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