IIT छोड़ बॉलीवुड म्यूजिक इडस्ट्री में बिहार का नाम रौशन कर रहे अभिषेक टैलेंटेड, नुसरत भरुचा की फ़िल्म जनहित में जारी में भी दिखेगा जलवा

 IIT छोड़ बॉलीवुड म्यूजिक इडस्ट्री में बिहार का नाम रौशन कर रहे अभिषेक टैलेंटेड, नुसरत भरुचा की फ़िल्म जनहित में जारी में भी दिखेगा जलवा

IIT छोड़ बॉलीवुड म्यूजिक इडस्ट्री में बिहार का नाम रौशन कर रहे अभिषेक टैलेंटेड, नुसरत भरुचा की फ़िल्म जनहित में जारी में भी दिखेगा जलवा

सपने से बड़ा कुछ नहीं होता, सपने इसे पाने के जिद्द से पूरे होते हैं : अभिषेक टैलेंटेड

कभी किताबों और क्वेश्चन पेपर के पीछे गाने लिखने वाले अभिषेक टैलेंटेड के गानों पर नाचता है बॉलीवुड

मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है/ सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता, उड़ान हौसलों से होती है. इन्हीं पंक्तियों में आज कल बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री में चरितार्थ कर रहे हैं, पटना बिहार के संगीतकार अभिषेक टैलेंटेड. मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में जन्मे और पटना में पले – बढे अभिषेक कुमार गुप्ता यानी अभिषेक टैलेंटेड का गाना या हबीबी चार्टबस्टर गाना था, जिसमें वो अमोल के साथ नजर आये. इतना ही नहीं आज उनके बनाये गानों पर राधिका आप्टे से लेकर नुसरत भरोच, इसाबेल कैफ, पुलकित सम्राट, वरुण धवन जैसे सुपर स्टार डांस करते नजर आ जाते हैं. बिहार से अब तक कई कलाकार बॉलीवुड में नाम कर रहे हैं, लेकिन म्यूजिक कम्पोजर के रूप में अभिषेक टैलेंटेड अकेले खुद को प्रूफ किया है. तो आईये जानते हैं, उनसे ही उनकी जर्नी के बारे में …

सवाल : IIT क्रैक करने के बाद भी आपने बॉलीवुड का रुख क्यों किया, वो भी म्यूजिक कम्पोजर के रूप में ?

अभिषेक टैलेंटेड : संगीत मुझे मेरे माँ – पिता जी से विरासत में मिली. पापा ड्रमर थे. माँ घर में गाती थी. जब मैं IIT की तैयारी कर रहा था, तब मेरे फ्रेंड्स नहीं थे. उस वक्त पढाई के बाद मैं सिर्फ गाने सुनता था. तब लगत था कि मैं भी ऐसा कर सकता हूँ. और मैंने यही सोच कर गाने लिखने शुरू कर दिए. क्वेश्चन पेपर और बॉक्स के पीछे लिखने लगा. साल 2017 में मुंबई आया. तब तक 150 गाने लिख चुका था. मेरा ड्रीम था मैं इस फिल्ड में काम करूँ, जिसे पूरा करने में आज भी लगा हूँ. इसमें मेरे परिवार का बेहद सहारा मिला. पापा का ड्रीम था मैं यूपीएससी करूं. वे पुलिस में थे. लेकिन जब मैंने IIT क्रैक कर खुद को प्रूफ किया तो उन्होंने मना नहीं किया. इसके लिए हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूंगा.

सवाल : मुंबई का सफर कैसे शुरू हुआ और मुंबई ने आपको कैसे अपना लिया?

अभिषेक टैलेंटेड : मेरा ड्रीम संगीत में था. जिसे पूरा करने पटना से मुंबई निकल पड़ा. लेकिन मुंबई किसी को आसानी से अपनाती नहीं है. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. खूब धक्के खाए प्रोड्क्शन हाउस के. जमकर स्ट्रगल किया. इसी सफर में मुझे अमोल मिला, जो मुझसे दो साल पहले मुंबई आया था . लेकिन जब हमने साथ मिलकर काम करना शुरू किया तो हमें छोटे – छोटे काम मिलने लगे. सीरियल्स किया. कई एड फिल्म्स की. फिर जाकर हमें पहली फिल्म सुस्वागतम खुसामदीद मिली, जिसमें पुलकित सम्राट और इसाबेल कैफ लीड रोल में हैं. धीरज कुमार ये फिल्म बना रहे हैं, जो बिहार से हैं. उन्होंने हमें इस फिल्म में चांस दिया. उसके बाद हमने कई फ़िल्में साईन कर ली हैं. अभी ड्रीमगर्ल फेम राज शांडिल्य की फिल्म जनहित में जारी आ रही है, जिसके गाने हमने बनाये हैं. मैं अपने गाने खुद लिखता भी हूँ और अमोल के साथ मिलकर कम्पोज करता हूँ. मेरे 150 गानों की मेहनत ने मुझे आज इस मुकाम पर पहुंचाया है.

सवाल : आप जब करियर की शुरुआत कर रहे थे, उसी वक्त लॉकडाउन कोरोना की वजह से देश में लग गया. तब आपको अपने करियर को लेकर क्या लगा था?

अभिषेक टैलेंटेड : कोरोना ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री बंद कर दी थी. हमारे सारे प्रोजेक्ट्स बंद हो गये थे. उस बुरे वक्त ने हमें सिखाया था कि जो भी चीजें हैं, वो आज में हैं. बहुत सरे पैसे वाले लोग भी कुछ नहीं कर पाए थे. उस वक्त हम भी नये थे. हमने अपना ड्रीम चुना था यहाँ. जब सब बंद हो गया था, तब हम घर से कुछ ले भी नहीं सकते थे. मगर जब से मैं और अमोल साथ आये, तब से हमने सीरियल और एड फिल्म में खूब काम किये थे, जिसकी सेविंग्स उस दौर में हमारे लिए बेहद राहत दिलाने वाला था. क्यूंकि उस वक्त सिनेमा इंडस्ट्री पूरी तरह से बंद ही हो चुकी थी. हमने फिल्म तो साईन किये थे, मगर ये नहीं पता था कि ये शुरू कब होंगे. फिर जब अनलॉक होना शुरू हुआ तब हमें राहत मिलनी शुरू हुई.

सवाल : बॉलीवुड में म्यूजिक कम्पोजर के रूप में पहला बिहारी होने का अनुभव कैसा है?

अभिषेक टैलेंटेड : म्यूजिक मेरी जिद्द रही है. बिहार से कई सारे अभिनेता बॉलीवुड में नाम कमा रहे हैं, लेकिन म्यूजिक के फिल्ड में कोई नही था. रैपर के रूप में शुरुआत की. आज मैं यहाँ बिहार का प्रतिनिधित्व करके गौरवान्वित महसूस करता हूँ. सबसे ज्यादा सुकून तब मिलता है, जब बड़े प्रोड्यूसर या प्रोडक्शन हाउस में मेरे गाने को पसंद करते हैं और पूछते हैं. कहाँ से हो? तब मैं बेहद गर्व के साथ से कहता हूँ पटना. तो सभी चौंक जाते हैं. वजह है कि पटना बिहार का नाम सुनकर लोग भोजपुरी के स्याह पक्ष की कल्पना कर लेते हैं. मगर जब वे आज मेरा काम देख रहे हैं तो वे भी आश्चर्य में पड़ जाते हैं.

सवाल : एक अच्छे म्यूजिक के लिए क्या क्या जरुरी है और आप बिहार जैसे जगहों से बॉलीवुड में करियर बनाने के बारे में सोचने वाले युवाओ से क्या कहना चाहेंगे?

अभिषेक टैलेंटेड : एक अच्छे म्यूजिक के लिए ओरिजिनालिटी, अच्छा इंसान और अच्छे कंटेंट का होना जरुरी है. क्यूंकि जब आप ओरिजनल होंगे तभी आप लोगों से कनेक्ट कर पायेंगे और अच्छा इंसान ही चित शांत कर अच्छी चीजें क्रिएट कर सकता है. म्यूजिक मजदूरी नही है. यह रूहानियत वाली चीज है. बात अगर अपने यहाँ की कर लें तो भोजपुरी बेहद प्यारी भाषा है, लेकिन कुछ लोगों की वजह से यह बदनाम है. इसके लिए बनाने वाले और सुनने वाले दोनों ही जिम्मेदार हैं. मैंने भी भोजपुरी गाने बनाये हैं, जो खूब पसंद किये गये. रही बात युवाओं के लिए सन्देश की तो आपके सपने से बड़ा कुछ नहीं होता है और अपने सपने को पाने के लिए जिद्द होनी चाहिए. क्यूंकि मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि एक अदना सा पुलिस के बेटे के गाने पर नुसरत भरूच और इसाबेल कैफ जैसे बड़े स्टार थिरकते नजर आयेगे. इसलिए मैं बस यही कहना चाहूंगा कि अपने सपने को पाने की जिद्द हर किसी में होनी चाहिए, तभी आपको आपकी मंजिल मिलेगी.

Kundan Kumar

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