रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या प्राइड ने सैकड़ो गरीब परिवारों के बीच किया घड़ा का वितरण
घड़ा या मटका का पानी तेज गर्मी और लू से बचाने में मदद करता है : साकेत सुरेखा
मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं : आदि केसरी जैन
घड़े या सुराही का पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहतर : डा. नम्रता आनंद
पटना : सामाजिक संगठन रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या प्राइड ने राजधानी पटना के चितकोहड़ा पुल के नीचे स्लम एरिया में करीब 100 परिवारों के बीच घड़ा का वितरण किया। समाजसेवी रोटेरियन डा. नम्रता आनंद के नेतृत्व में घड़ा वितरण का कार्यक्रम संपन्न हआ। वहीं कार्यक्रम के आयोजन में रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या प्राइड के अध्यक्ष साकेत सुरेखा, आदिकेसरी जैन, निधि बजाज, खुशबू अग्रवाल, प्रखर साहू, नारायण खेरिया, सौरभ टिकामनी और चेतन का योगदान सराहनीय रहा।
इस अवसर पर रोटेरियन साकेत सुरेखा ने कहा कि घड़ा या मटका का पानी तेज गर्मी और लू से बचाने में मदद करता है। मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने से पानी में विटामिन और मिनरल्स शरीर के ग्लूकोज लेवल को बनाये रखते हैं, जिससे शरीर को ठंडक पहुंचती है। मिट्टी के घड़े का इस्तेमाल करने से लोगों को भी रोजगार मिलेगा, साथ ही वोकल फॉर लोकल मिशन को भी सपोर्ट होगा। रोटरी चाणाक्य ऑफ प्राइड के सचिव आदि केसरी जैन ने कहा कोरोना महामारी के डर से कई लोगों ने फ्रिज का पानी पीना छोड़ दिया, ज्यादातर लोग
मिट्टी के मटके या घड़े का पानी पीना पसंद करते हैं । मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से कई तरह के शारीरिक समस्याओं से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है।
रोटेरियन डा. नम्रता आनंद ने कहा, घड़ा अथवा मिट्टी के बर्तन में रखा पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है जबकि फ्रिज में कृत्रिम तरीके से पानी को ठंडा किया जाता है। प्राकृतिक रूप से ठंडा घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। निधि बजाज ने कहा, घड़े का पानी पीने से ब्ल्ड प्रेशर कंट्रोल रहता है। मटके का पानी पीने से शरीर में बैड कॉलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना भी कम हो जाती है। घड़े का पानी पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है।