पटना जमीन अधिग्रहण में किसानों को नहीं मिल रहा है उचित मुआवजा
बेघर व बेरोजगार होने का किसानों को सता रहा है डर
पटना : बिहार में किसानों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। सरकार द्वारा विकास एवं सड़क निर्माण के नाम पर किसानों से जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और किसानों को उचित मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। बिहार के सुदूर जिलों की बात छोड़ दीजिए बिहार सरकार के नाक के नीचे यानी कि पटना के बिशनपुर, पकड़ी, चितकोहरा एवं नत्थूपुर मौजा के किसान अपनी जमीन देकर खुद बेघर और बेरोजगार होने पर विवश हो गए हैं। सरकार ने जमीन को अधिग्रहण तो कर ली है लेकिन उसका उचित मुआवजा किसानों को आज तक नहीं दे रही है। किसानों ने सभी अधिकारियों, नेताओं एवं मंत्रियों का दरवाजा खटखटा लेकिन आज तक उन्हें न्याय नहीं मिला। अब किसानों ने मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखकर सरकार के आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया है।
सरकार द्वारा पटना गया डोभी राष्ट्रीय पथ के 2.28 किलोमीटर संपर्क पथ के निर्माण हेतु पटना स्थित बिशुनपुर पकड़ी, चितकोहरा एवं नाथूपुर की जमीन को जिला भू अर्जन पदाधिकारी पटना द्वारा अधिग्रहित किया गया लेकिन जमीन के मालिकों को नियमानुसार उचित मुआवजे का भुगतान नही मिला जिस कारण से वहां के किसानों में आक्रोश है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान सीता कुमारी ने बताया की सरकार ने वर्ष 2011 में हमारी जमीन की प्रकृति को आवासीय घोषित किया था। जिला निबंधन कार्यालय के अनुसार उपरोक्त जमीन आवासीय व्यवसायिक है। बावजूद इसके जिला भू अर्जन पदाधिकारी पटना के मनमाने ढंग से इस जमीन को कृषि प्राकृतिक योग्य घोषित करते हुए वर्ष 2013 में हमारी जमीन को अधिग्रहीत किया गया। किसान और जमीन मालिकों ने गहरी आपत्ति दर्ज की। वर्ष 2015 में सरकार ने पैसे की व्यवस्था कर 2011 के सर्किल रेट कृषि प्राकृतिक के जमीन को आधार मानते हुए मामले का आंशिक भुगतान किया जिसे आपत्ति के साथ जमीन मालिकों ने स्वीकार कर लिया था लेकिन वास्तविक मुआवजे के लिए इनका संघर्ष आज भी जारी है।
वहीं किसान रवि कुमार ने कहा कि हमारी जमीन को पटना बक्सर राष्ट्रीय पथ बनाने के लिए अधिकृत किया गया था। बाद में इस प्रोजेक्ट में बदलाव करते हुए निर्णय लिया कि इस बचे हुए 2.8 किलोमीटर के अधिकृत जमीन का उपयोग पटना गया डोभी राष्ट्रीय पद के संपर्क के रूप में किया जाएगा। उन्होंने बताया की पटना बक्सर राष्ट्रीय पथ के निर्माण हेतु अधिकृत मौजा पड़े डुमरी बिंदोली खेतल पूरा एवं सिकंदरपुर में मुआवजा का भुगतान 2014 के रिवाइज दर्पण नए भू अर्जन अधिनियम 2013 के तहत किया गया। क्योंकि मुआवजे का भुगतान 2015 में किया गया था और इसके पूर्व 2013 में नया संशोधित भू अर्जन नियम के तहत सरकार ने 2014 के आदेशानुसार कृषि प्राकृतिक की भूमि मानते हुए सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा का भुगतान किया जो उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सभी किसानों ने जोरदार रूप से इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार का यह रवैया ठीक नहीं है और लोगों के खास करके किसानों की जमीन का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन में एडवोकेट दीपक कुमार सिन्हा, बदन सिंह, तेजू राय, सुनील कुमार देव, आनंद राय, रामानंद राय, सिपाही राय, हरिदयाल राय, दयानंद सिंह, सुनील कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, दिलीप कुमार, धर्मेंद्र सिंह, विजेंद्र राय, प्रभात कुमार, संत जी, रवि कुमार, पुष्पेंद्र यादव, गुड्डू राय सहित कई किसान मौजूद थे