Mahadevi Verma सम्मान समारोह इस बार नई दिल्ली में, 26 मार्च को होगा आयोजन

 Mahadevi Verma सम्मान समारोह इस बार नई दिल्ली में, 26 मार्च को होगा आयोजन

Mahadevi Verma सम्मान समारोह इस बार नई दिल्ली में, 26 मार्च को होगा आयोजन

Mahadevi Verma सम्मान समारोह इस बार नई दिल्ली में, 26 मार्च को होगा आयोजन

छायावाद युग के चार प्रमुख स्तंभों में शुमार थी महादेवी वर्मा : राजीव रंजन प्रसाद

महादेवी वर्मा ने हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्य लेखिका के रुप में पहचान बनाई : रागिनी रंजन

Patna : Global Kayastha Confrence (GKC) 26 March को महान कवियित्री और सुविख्यात लेखिका Mahadevi Verma की जयंती पर महादेवी वर्मा सम्मान समारोह का आयोजन करेगा। इस बार यह आयोजन नयी दिल्ली में होगा। GKC मीडिया व कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष इस सम्मान समारोह का आयोजन पटना में किया गया था। इस बार 26 मार्च को नई दिल्ली में महादेवी वर्मा की जयंती पर GKC महादेवी वर्मा सम्मान समारोह का आयोजन करने जा रही है। उन्होंने बताया कि महादेवी वर्मा सम्मान से उन विभूतियों को सम्मानित किया जायेगा जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देकर देश और समाज का नाम रौशन किया है। सम्मानित किये जाने वाले लोगों में कला, संस्कृति, संगीत, फिल्म, पत्रकारिता, समाजसेवा, समेत अन्य क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हैं।

जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि पद्मश्री, ज्ञानपीठ, पद्मविभूषण से सम्मानित महादेवी वर्मा को हिंदी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवियत्रियों में से एक माना जाता है। महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। महादेवी वर्मा ने हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्य लेखिका के रुप में अपनी पहचान बनाई थी। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। महादेवी वर्मा एक मशूहर कवियित्री तो थी, इसके साथ ही वे एक महान समाज सुधारक भी थीं।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने बताया कि महादेवी वर्मा एक महान कवयित्री होने के साथ-साथ हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्द लेखिका के रूप में भी जानी जाती हैं। महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने उन्हें ‘हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’ कहा था। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है क्योंकि इनकी कविताओं में से एक प्रेमी से दूर होने का कष्ट एवं इसके विरह और पीड़ा को बेहद भावनात्मक रूप से वर्णित किया गया है।

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