Bihar : Surya Mahotsav के आयोजन का रास्ता साफ, मार्च में हो सकता है आयोजन

 Bihar : Surya Mahotsav के आयोजन का रास्ता साफ, मार्च में हो सकता है आयोजन

Bihar : Surya Mahotsav के आयोजन का रास्ता साफ, मार्च में हो सकता है आयोजन

Bihar : Surya Mahotsav के आयोजन का रास्ता साफ, मार्च में हो सकता है आयोजन

Aurangabad के Deo में होता है सूर्य महोत्सव, जिला प्रशासन कर रहा है विचार

Bihar : Aurangabad जिले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पौराणिक और धार्मिक स्थल देव Deo में मार्च में सूर्य महोत्सव Surya Mahotsav का आयोजन हो सकता है। जिला प्रशासन इस पर विचार कर रहा है। वरीय पत्रकार कमल किशोर की ओर से आयोजन के संबंध में लिखे गए पत्र के आलोक में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल Dm Saurabh Jorwal ने कहा है कि इस वर्ष मार्च में राज्य सरकार के पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में देव सूर्य महोत्सव का आयोजन कराने के लिए प्रयास किया जाएगा।

श्री किशोर ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि जिले के देव में प्रतिवर्ष राज्य सरकार के पर्यटन विभाग, कला एवं संस्कृति विभाग तथा जिला प्रशासन की ओर से सूर्य महोत्सव का आयोजन अचला सप्तमी के दिन किया जाता है लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के चलते विगत 2 वर्षों से इस महोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया है। अब जबकि कोरोना महामारी का असर कम हो गया है और राज्य सरकार ने जिला प्रशासन की अनुमति से सांस्कृतिक तथा अन्य आयोजनों के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है तो इस वर्ष विशेष परिस्थिति में सूर्य महोत्सव का आयोजन मार्च महीने में कराया जा सकता है।

इस महोत्सव के नियमित आयोजन से देव को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने और देश-विदेश से आने वाले सैलानियों एवं श्रद्धालुओं को देव के अति प्राचीन सूर्य मंदिर आने के लिए प्रेरित करने की सार्थक कोशिश की जाती रही है। पत्र में कहा गया है कि चूकि इस वर्ष अचला सप्तमी की तिथि 7 फरवरी बीत चुकी है और राज्य में कार्यक्रमों – महोत्सवों पर प्रतिबंध के चलते इस तिथि पर यह आयोजन नहीं हो सका। इस महोत्सव के आयोजन के लिए राज्य सरकार के संबद्ध विभाग द्वारा राशि भी स्वीकृत है।

इस आलोक में श्री किशोर ने देव सूर्य महोत्सव का आयोजन मार्च के अंतिम सप्ताह में कराने का आग्रह किया है। इस आयोजन से सूर्य स्थली देव को राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने में मदद मिलने के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी एक बेहतर अवसर अवसर मिलता है। गौरतलब है कि जिले के देव में भगवान भास्कर का कथित त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर है जो वास्तुकला का अप्रतिम उदाहरण है । लोक मान्यता है कि वर्ष में दो बार चैती और कार्तिक छठ व्रत के अवसर पर यहां भगवान भास्कर की पूजा करने से श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है |

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *