Bihar – Up से ताल्लुक रखने वाले हीरेन्द्र और निमिषा ने लिखी Sunanda Pushkar की कहानी ‘सेज’

 Bihar – Up से ताल्लुक रखने वाले हीरेन्द्र और निमिषा ने लिखी Sunanda Pushkar की कहानी ‘सेज’

Bihar – Up से ताल्लुक रखने वाले हीरेन्द्र और निमिषा ने लिखी Sunanda Pushkar की कहानी ‘सेज’

Bihar – Up से ताल्लुक रखने वाले हीरेन्द्र और निमिषा ने लिखी Sunanda Pushkar की कहानी ‘सेज’

लेखक जोड़ी हीरेन्द्र झा Hirendra Jha और निमिषा दीक्षित Nimisha Dikshit इन दिनों मिलकर कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। इन दिनों लेखक जोड़ी की एक किताब ‘सेज : सुनंदा पुष्कर की कहानी’ चर्चा में है। यह किताब अभी किंडल एडिशन यानी ई-बुक के रूप में अमेज़न पर पाठकों के लिये उपलब्ध है।

सेज : सुनंदा पुष्कर की कहानी’ नाम से ही स्पष्ट है कि यह किसकी कहानी है। सुनंदा पुष्कर Sunanda Pushkar के बारे में आप सभी जानते हैं कि साल 2014 में दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में उनकी रहस्यमयी मौत हो गयी थी। शशि थरूर Shashi Tharur की तीसरी पत्नी होने के अलावा भी सुनंदा की अपनी एक शख़्सियत थी, जिसे आप इस पुस्तक के जरिये बखूबी जान सकेंगे। किंडल एडिशन के बाद जल्द ही किताब का पेपरबैक एडिशन भी पाठकों तक इसी वैलेंटाइन डे पर पहुंच जाएगा। माय बुक्स सेलेक्ट ने अपने नायाब सीरीज़ के तहत इस पुस्तक का प्रकाशन किया है।

बता दें कि ‘सेज’ हीरेन्द्र झा की तीसरी किताब है। उनकी पहली किताब ‘मीडिया के दिग्गज’ और कविता संग्रह ‘एक ख़्वाब’ भी काफी चर्चित रही। जबकि निमिषा दीक्षित की यह डेब्यू बुक है। हीरेन्द्र और निमिषा कई साल से साथ मिलकर सरकारी – गैरसरकारी कई क्लाइंट्स के लिए शॉर्ट फ़िल्म, डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म, एड, जिंगल, कहानी और गीत लिख रहे हैं। दोनों मिलकर अब फ़िल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरियल भी लिख रहे हैं।

मूल रूप से बिहार और उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखने वाली यह जोड़ी इन दिनों मुंबई में कई तरह के क्रिएटिव कामों में जुटी है। निमिषा जो कि एक लेखक के अलावा एक रेडियो जॉकी और वॉयस एक्टर भी हैं आवाज़ की दुनिया में भी एक अलग पहचान रखती हैं। हीरेन्द्र 12 साल पत्रकारिता करने के बाद अब फ़िल्म और टीवी सीरियल लेखन में सक्रिय हैं। इस बीच हीरेन्द्र और निमिषा जोड़ी में काम कर रहे हैं।

सेज पर यह जोड़ी लगभग तीन साल से काम कर रही थी और अब जाकर यह किताब पूरी हुई है। यह किताब मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है और पाठकों के लिए इसमें बहुत कुछ ख़ास है। सुनंदा पुष्कर की कहानी के जरिये बीते दशक की राजनीतिक, सामाजिक और समसामयिक भारत की भी एक झलक आपको इस किताब के जरिये पढ़ने-जानने को मिलेगी।

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