Bihar : सुर साम्राज्ञी Lata Mangeshkar का बिहार से भी रहा गहरा नाता, निधन पर बिहारी कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि
Bihar : सुर साम्राज्ञी Lata Mangeshkar का बिहार से भी रहा गहरा नाता, निधन पर बिहारी कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि
सुर साम्राज्ञी Bharat Ratna लता मंगेशकर Lata Mangeshkar अनंत में विलीन हो गयी। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देश समेत बिहार में शोक की लहर दौड़ गई। बच्चे, बुजुर्ग से लेकर युवाओं तक के लिए यह सूचना सदमे से कम नहीं था। लता दी ने हिंदी के अलावा मैथिली और भोजपुरी गाने को भी आवाज दी थीं। उन्हें बिहार से बेहद लगाव और बिहार की कला एवं संस्कृति से बेहद प्रेम था।
उन्होंने भोजपुरी की पहली फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ में ‘हे गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो, सइंया से करा द मिलनवा हे राम’ गाना में अपनी आवाज से अमिट छाप छोड़ी थी । इस फिल्म का एक और गाना ‘मारे करेजवा में तीर‘ भी खूब सुना जाता है। उन्होंने यह गाने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की फरमाइश पर गया था। मैथिली के उनके गाए गीत, सुनू सुनू रसिया… आज भी मिथिलावासियों की जुबान पर है।
निधन पर बिहारी कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि
भरत शर्मा व्यास Bharat Sharma Vyas ने लिखा, स्वर कोकिला स्वर्गीय लता जी का निधन पर कोई शब्द नही है जिससे दुख प्रगट किया जा सके, उनके ऊपर साक्षात सरस्वती जी का बास था। लता जी, सरस्वती जी के रूप में थी जिनको सुन सुन के लाखों गायक पैदा हुए। निधन की खबर सुन के चारो तरफ लोग शोक में डूबे हुए है. लता जी की जगह आज तक ना कोई लिया है न कोई ले पायेगा। उनके निधन के बाद स्वर्ग में स्थान सुरक्षित है।
लोक गायिका चंदन तिवारी Chandan Tiwari ने लिखा, मां सरस्वती की प्रतिमाएं अभी भी पंडालों में ही हैं. रविवार को बेटियां विदा नहीं होतीं, इसलिए सोमवार को विसर्जन होंगी. मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जित होने से पहले ही उनकी वरदपुत्री, उनकी प्रतिछाया आज उनसे पहले विदा हो गयीं. पर, उनका देहावसान हुआ है. देह का अवसान. मृत्यु की गति तो हम साधारण लोगों को प्राप्त होती है. जब तक यह धरा है और धरा पर इंसान रहेंगे, तब तक लता दी रहेंगी।
भोजपुरी गायक व अभिनेता खेसारी लाल यादव Khesari Lal Yadav ने लिखा, महज़ संयोग नहीं हो सकता की माँ सरस्वती की अवतार लता दीदी को माँ ने आज अपने पास बुला लिया। शायद यह दिन भी माँ ने सोच के तय किया होगा। आपकी आवाज़ आजीवन therapy का काम करेगी। उपर वाला भी आपको पा कर गर्व कर रहा होगा। दीदी आप से मिल नहीं पाऊँगा लेकिन जब भी आपको सुनूँगा, आपको पास पाऊँगा।
Big Boss फेम सिंगर दीपक ठाकुर Dipak Thakur ने लिखा, पहले जब गाना बजता था तो गाने का मतलब हमलोग लता मंगेशकर समझते थे. बचपन बीता उनके गानों को सुनकर, ऐ मेरे वतन के लोगों जब जब सुनते थे ऐसा महसूस होता था हम भी एक सिपाही हैं और सीमा पर तैनात हैं. वक्त के साथ इनकी आवाज़ की मधुरता और मिठास बढ़ते ही जाती थी। ऐसी गायकी जो आत्मा शुद्ध कर दे. स्वर कोकिला अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनकी आवाज़ और कीर्ति सदा अमर रहेगी।
गायक आलोक पांडेय Alok Pandey ने कहा, भारत ने अपना रत्न खो दिया, ऐसा दुःख शब्दों में कहना मुश्किल है। आज संगीत जगत अनाथ हो गया. माँ सरस्वती की वरद पुत्री, भारत की पहचान, असंख्य कलाकारों की प्रेरणा स्रोत, स्वर कोकिला माँ लता मंगेशकर जी को ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें।