छात्रों के आंदोलन के बहाने शिक्षकों पर प्राथमिकी तानाशाही प्रवृत्ति: ऋतुराज

 छात्रों के आंदोलन के बहाने शिक्षकों पर प्राथमिकी तानाशाही प्रवृत्ति: ऋतुराज

छात्रों के आंदोलन के बहाने शिक्षकों पर प्राथमिकी तानाशाही प्रवृत्ति: ऋतुराज

छात्रों के आंदोलन के बहाने शिक्षकों पर प्राथमिकी तानाशाही प्रवृत्ति: ऋतुराज

पटना : देश का संविधान हमें कानून के दायरे में रहकर आवाज उठाने की ताकत देता है. बिहार में RRB NTPC रिजल्ट विवाद के बाद छात्रों का जन आंदोलन सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ था। जन आंदोलन को कुछ असामाजिक तत्वों ने बदनाम करने की साजिश की होगी पर शासन प्रशासन के द्वारा पटना के कई शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराना तानाशाही प्रवृत्ति का परिचायक है. शिक्षक छात्रों का अहित नहीं चाहता है.और न हीं किसी शिक्षक ने इस आंदोलन का नेतृत्व नहीं किया। शिक्षक छात्रों को पढ़ाते हैं इस कारण से उनके भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं. छात्रों के साथ जब कभी अन्याय होगा तो शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, राज नेता और छात्र नेता जरूर बोलेंगे. उक्त बातें पटना स्नातक क्षेत्र के प्रत्याशी जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार के पुत्र और लोजपा नेता अधिवक्ता ऋतुराज कुमार ने कही।

ऋतुराज ने मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लोजपा (रामविलास) के प्रमुख सांसद चिराग पासवान ने बिहार को नई दशा और दिशा देने की ताकत है. फर्स्ट बिहार फर्स्ट बिहारी के माध्यम से बिहार के खोए वैभव को लाना चाहते हैं. जात-पात से ऊपर उठकर बिहार का समग्र विकास चाहते हैं. कोई भी व्यक्ति जो बिहार का विकास चाहता है उसका समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जंगल राज बना मंगल राज की लड़ाई में बिहार का घाटा है. जो लोग पिछले 15 वर्षों से ज्यादा समय से बिहार के सत्ता पर काबिज है वह क्यों नहीं जवाब देते कि बिहार में कितने केंद्रीय विश्वविद्यालय खोली गई. क्यों नहीं यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं समय पर हो रही है. सरकारी नौकरियों वाली परीक्षा में धांधली क्यों हो रही है. बिहार में कितने कल कारखाने खुल गए. कितने लोगों को रोजगार मिला. कानून व्यवस्था की स्थिति क्यों नहीं सुधरी. आप दूसरों से तुलना मत कीजिए. जनता ने आप को मौका दिया है तो आप विकास के मुद्दे पर बात कीजिए. बताइए कि आपने जो सपने दिखाए वह सपने क्यों नहीं पूरे हुए।

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