राजेन्द्र प्रसाद की जयंती तीन दिसम्बर को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में घोषित करे भारत सरकार : राजीव रंजन प्रसाद

 राजेन्द्र प्रसाद की जयंती तीन दिसम्बर को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में घोषित करे भारत सरकार : राजीव रंजन प्रसाद

राजेन्द्र प्रसाद की जयंती तीन दिसम्बर को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में घोषित करे भारत सरकार : राजीव रंजन प्रसाद

राजेन्द्र प्रसाद की जयंती तीन दिसम्बर को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में घोषित करे भारत सरकार : राजीव रंजन प्रसाद

जीकेसी पटना जिला युवा प्रकोष्ठ ने मनायी डा. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती

डा.राजेन्द्र प्रसाद उच्च कोटि के विद्वान के साथ-साथ सादगी के प्रतिमूर्ति थे : दीपक कुमार अभिषेक
राजेन्द्र बाबू के जीवन से प्रेरणा लेने से ही सही विकास संभव है : डा. नम्रता आनंद
डा० राजेन्द्र प्रसाद के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए : पीयूष श्रीवास्तव

पटना, 03 दिसंबर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) पटना जिला युवा प्रकोष्ठ ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी।

भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पटना जिला युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पीयूष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मनायी गयी। इस अवसर पर जीकेसी के पदाधिकारियों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के तैलचित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर लोगों ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जीवन और चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उससे सीख लेने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस और कायस्थ पाठशाला न्यास के संस्थापक मुंशी काली प्रसाद की जयंती भी मनायी गयी।
जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ० राजेन्द्र प्रसाद जी का भारत के संविधान निर्माण में अहम योगदान था। उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू एक महान विधिवेत्ता थे। उन्होने केंद्र सरकार से यह पुरजोर माँग की है कि तीन दिसम्बर उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में घोषित करे भारत सरकार। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार-झारखंड के प्रभारी दीपक कुमार अभिषेक ने कहा कि डा.राजेन्द्र प्रसाद उच्च कोटि के विद्वान के साथ- साथ सादगी के प्रतिमूर्ति थे।

जीकेसी बिहार की अध्यक्ष डॉ. नम्रता आनंद ने कहा कि राजेन्द्र बाबू के जीवन से प्रेरणा लेने से ही सही विकास संभव है।
डा. राजेन्द्र प्रसाद के विचारों को आत्मसात करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है।
जीकेसी पटना जिला युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पीयूष श्रीवास्तव ने कहा कि सादा जीवन, उच्च विचार’ के अपने सिद्धांत को अपनाने वाले डा० राजेन्द्र प्रसाद के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
जीकेसी विधि प्रकोष्ठ के कार्यकारिणी अध्यक्ष प्रियदर्शी हषवर्धन ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रसाद जी का भारत के संविधान निर्माण में अहम योगदान था।

जीकेसी के प्रदेश महासचिव संजय सिन्हा ने कहा कि हम सभी को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के देश प्रेम, सादगी, निष्ठा, ईमानदारी से सीख लेने की जरूरत है। इस अवसर पर जीकेसी मीडिया-कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार दास, युवा प्रकोष्ठ के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशांत सिन्हा, जीकेसी युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी राजेश सिन्हा संजू, जीकेसी बिहार के संगठन मंत्री बलराम जी, जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष श्रीमती ज्योति दास, पटना जिला महासचिव धनंजय प्रसाद, पटना जिला सचिव आर्यन श्रीवास्तव, पटना जिला सचिव नितेश सिन्हा, पटना जिला उपाध्यक्ष प्रसून रंजन, कार्यकारिणी सदस्यआदित्य सिन्हा, पटना जिला सचिव सागर कुमार सिन्हा, पटना जिला सचिव रेहान सिन्हा, पटना जिला महासचिव अविनीत सिन्हा, प्रियांशु श्रीवास्तव, पटना जिला महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष श्रीमती नंदा कुमारी, रेखा वर्मा, प्रसून श्रीवास्तव, शुभम कुमार समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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