Kayasth Sangathan का साझा मंच ,समय की मांग : राजीव रंजन प्रसाद
कायस्थ संगठनों का साझा मंच ,समय की मांग : राजीव रंजन प्रसाद
पटना, 15 दिसंबर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रवक्ता और कायस्थ रत्न राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कायस्थ संगठनों का साझा मंच अब समय की मांग है और संगठित होने से ही कायस्थ समाज का विकास हो सकता है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कायस्थों का देश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश नारायण, बाला साहब ठाकरे , मुंशी प्रेमचंद्र, हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा, खुदी राम बोस, जैसी कई विभूतियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कायस्थ समाज का नाम ऊंचा किया है। कायस्थ समाज आज बिखरा हुआ है। आज हमें एकजुट होने की आवश्यकता है। इससे समाज के लोगों में संदेश जाएगा कि कायस्थ फिर से जाग चुका है। जब तक कायस्थ समाज के लोग संगठित होकर नहीं रहेंगे, तब तक उनका विकास नहीं हो सकेगा। इसलिए समाज के लोगों को चाहिए वह संगठित होकर रहें ।कायस्थ संगठनों के लिए एक साझा मंच ,समय की मांग है। कायस्थ संगठनों का साझा मंच बने,इसकी प्रक्रिया आरम्भ कर दी गयी है। राजनीतिक,आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के लिए साझा मंच समय की मांग है। साझा मंच का उद्देश्य सम्पूर्ण कायस्थ समाज को संगठित, उन्नत एवं सशक्त करना है।
श्री प्रसाद ने राजनीतिक दलों द्वारा कायस्थ समाज की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि सभी दल हमारे समाज को वोट बैंक की तरह ही इस्तेमाल करते हैं। इसका एक कारण हमारा संगठित न रहना और हमारे समाज का नेतृत्व कर्ता न होना है। यही वजह है कि वार्ड से लेकर प्रांत स्तर तक पर कायस्थ समाज उपेक्षित है। विधानसभा, नगर निकाय एवं विधान पार्षद के चुनाव में कायस्थ समाज की घोर उपेक्षा की जाती रही है। समाज में हमारी अधिक जनसंख्या होने के बावजूद राजनीतिक भागीदारी उतनी नहीं मिली है। राजनीतिक पार्टियों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना होगा। कायस्थ किसी को भी चुनाव जीताने या हराने की ताकत रखते हैं। कायस्थों को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व दिये जाने की जरूरत है। इसके लिए सभी को आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ चलना होगा तभी राजनीतिक सफर आसान होगा। राजनीतिक भागीदारी के लिए समाज को संगठित होना समय की अब मांग बन गई है। संगठित होकर ही समाज की शक्ति बढ़ाई जा सकती है। हमें अपनी शक्ति को पहचानने की जरूरत है। शक्ति का अहसास होगा, तभी हम समाज के लिए कुछ कर पाएंगे। अलग-अलग संगठनों में बंटे होने के कारण ही हमारी एकता नजर नहीं आती है। इस स्थिति को दूर करना होगा। बदलते परिवेश में कायस्थ समाज को धरातल पर काम करते हुए समाज एवं देश को मजबूत बनाने के लिए कार्य करना चाहिए। श्री आशुतोष सिन्हा की उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में जीत कायस्थ राजनीति के लिए टर्निंग पॉइंट है।क्योंकि इस जाति के मतदाताओं ने वोट ट्रांसफर करना आरंभ कर दिया है जो हमारे समाज के लिये जीत की ओर एक नया कदम है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कायस्थ समाज एक पढ़ा लिखा और समझदार तबका माना गया है। यदि हम एक हो जाएं तो किसी को भी टक्कर देने में सक्षम हो जाएंगे। पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कायस्थ समाज की एक अलग पहचान है। ये कहीं भी कभी भी अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। ये एक बुद्धिजीवी वर्ग है। ये हमेशा समाज को एक दूसरे से जोड़ने का काम करते हैं।जब तक कायस्थ समाज के लोग संगठित होकर नहीं रहेंगे, तब तक उनका विकास नहीं हो सकेगा। इसलिए समाज के लोगों को चाहिए वह संगठित होकर रहें। उन्होंने कहा कि कायस्थ परिवार के सभी लोगों को एक मंच पर लाने की वे हर संभव कोशिश करेंगे और संगठन को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान देंगे। जय चित्रांश !