सत्ता पक्ष विपक्ष रोजगार के नाम पर बिहार के लोगों को कर रहे दिग्भ्रमित:-जाप(लो0)

 सत्ता पक्ष विपक्ष रोजगार के नाम पर बिहार के लोगों को कर रहे दिग्भ्रमित:-जाप(लो0)

सत्ता पक्ष विपक्ष रोजगार के नाम पर बिहार के लोगों कर रहे दिग्भ्रमित:-जाप(लो0)

सत्ता पक्ष विपक्ष रोजगार के नाम पर बिहार के लोगों कर रहे दिग्भ्रमित:-जाप(लो0)

भाजपा का 19 लाख बेरोजगारों और राजद का 10 लाख लोगो को रोजगार देने का वादा झांसा। :-रजनीश तिवारी।

पटना:- आज भाजपा के चुनावी पत्र में 19 लाख लोगों को रोजगार देने के वादों को जन अधिकार पार्टी ने झांसा करार दिया है पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने बयान जारी कर कहा कि राजद और भाजपा रोजगार के नाम पर बिहार की जनता को भरमा रहे हैं एनडीए में 15 साल से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में बनी हुई है लेकिन उन्हें अब रोजगार याद आ रहा है।

इतने वर्षों में कितने लोगों को रोजगार देने का काम भारतीय जनता पार्टी और एनडीए सरकार ने किया वे पहले जनता को बताये । भाजपा का घोषणा पत्र मे पूरी तरीके से झूठ का सहारा लिया गया है प्रधानमंत्री जी के पिछले बार के चुनावी वादों से भी बड़ा जुमला है। जनता ने भाजपा जदयू और राजद का चाल चरित्र चेहरा को भाप लिया है और इनको इस बार चुनाव में सबक सिखाने का काम करेगी।

वहीं दूसरी और राजद भी 10 लाख रोजगार देने के दावे पर झांसा देने का काम कर रहे हैं दोनों गठबंधनो को 15-15 साल का मौका मिला लेकिन यह लोग निजी स्वार्थ के आगे जनता को बेबस लाचार बना कर रख दिया।

अगर सही मायने में राजद या भाजपा रोजगार देना चाहती है तो कोर्ट के शपथ पत्र के साथ क्या यह घोषणा करेगी एक निर्धारित अवधि में वादे के अनुकूल इतना लाख रोजगार देंगे वरना पद से इस्तीफा देंगे और राजनीति से सन्यास लेंगे। है हिम्मत यह कार्य सिर्फ जन अधिकार पार्टी ही कर सकते हैं और शपथ पत्र के साथ प्रतिज्ञा पत्र का घोषणा करने का काम जाप पार्टी ने किया है।

रजनीश तिवारी ने कहा कि लोग रोजगार पर हवा – हवाई बात कर रहे हैं। कोई कहता है 10 लाख रोजगार देंगे। तो कोई 15 सालों शासन में रहकर कह रहा है रोजगार के लिए पैसा कहां से लायेंगे। और फीर वही भाजपा 19 लाख रोजगार देने की बात कर रही है ये शर्मनाक बात है।

बिहार की जनता अगर इसबार जाप(लो0) को मौका देती है तो रोजगार हमारी प्राथमिकता होगी और उद्योग को बढ़ावा व रोजगार सृजन करने की हमारी प्रतिज्ञा है। इसके तहत हम पहले ठेकेदारी के लाइसेंस में निबंधन शुल्क में भारी कमी करेंगे। कम बजट यानि 50 लाख तक के बजट वाले ठेकेदारी उन स्नातक बेरोजगारों को देंगे, जिनकी सालाना आमदनी 3 लाख से कम है। सौ करोड़ के ठेके को 50-50 लाख के ठेके में विभाजित कर उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों में बांटने का काम करेंगे। इसके अलावा जिन सरकारी कामों में सरकारी शिक्षकों को लगाया जाता है, हम वहां उनके स्थान पर बेरोजगार युवाओं को लगायेंगे, जिसे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा और स्‍कूलों के शैक्षणिक माहौल भी बाधित नहीं होंगे।

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