वर्गहीन व संतुलित विश्व-समाज की स्थापना का पाठ पढ़ाता है गांधी- दर्शन : डा ध्रुव कुमार
वर्गहीन व संतुलित विश्व-समाज की स्थापना का पाठ पढ़ाता है गांधी- दर्शन : डा ध्रुव कुमार
नई दिशा परिवार के तत्वाधान में गांधी जयंती के अवसर पर वेबिनार आयोजित
पटना सिटी। प्रसिद्ध लेखक व शिक्षाविद डॉ ध्रुव कुमार ने कहा है कि महात्मा गांधी का शिक्षा – दर्शन का एक वर्गहीन, समाजवादी एवं संतुलित रूप से विकसित विश्व-समाज की स्थापना पर बल देता है। उन्होंने एक ऐसी समाजोपयोगी कर्म केंद्रित शिक्षा व्यवस्था की कल्पना को मूर्त रूप देने की कोशिश जिससे बालकों का सर्वांगीण विकास हो सके और उसके मस्तिष्क, हाथ और हृदय में तारतम्य स्थापित हो। डा. कुमार आज गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर नयी दिशा परिवार के तत्वावधान में आयोजित एक वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी मानते थे कि शिक्षा यदि चरित्र और नैतिकता नहीं सिखाती तो वह शिक्षा ही नहीं है।
नयी दिशा परिवार के संरक्षक व समाजसेवी राजेश बल्लभ उर्फ मुन्ना यादव ने कहा कि गांधी जी के जीवन-दर्शन और समाज-दर्शन का आधार तीन महत्वपूर्ण सिद्धांत सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह पर आधारित है।
कमल नयन श्रीवास्तव ने कहा कि वे आत्मिक-शिक्षा अर्थात चारित्रिक शिक्षा पर अत्यधिक बल देते थे। आत्मा का विकास करने का अर्थ है-चरित्र का निर्माण करना, ईश्वर का ज्ञान पाना, आत्मज्ञान प्राप्त करना। उनके कथानुसार- ” यदि हम व्यक्ति का चरित्र निर्माण करने में सफल हो जाते हैं तो समाज स्वयं ही सुधर जाएगा।
वेबिनार का संचालन करते हुए महासचिव राजेश राज ने कहा कि गांधीजी के बताए रास्ते पर चलकर ही हम विश्व समुदाय और मानवता का कल्याण कर सकते हैं। कार्यक्रम में अनेक शिक्षक, और छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया जिनमें ……..प्रमुख थे