बाबू तिरिथ-तिरिथ जाल -महेश ठाकुर चकोर

 बाबू तिरिथ-तिरिथ जाल -महेश ठाकुर चकोर

Mahesh Thakur Chakor

बाबू तिरिथ-तिरिथ जाल

बाबू तिरिथ-तिरिथ जाल
जाके गड़मुड़िये ओंघराल
माई-बाबूजी प देत नइख ध्यान बबुआ
ईहे लोग होला अल्ला-भगवान बबुआ

तोहे जन्म-जवानी देहल
दुनिया के सारा दुख लेहल
हिनके चलते तोहर हँसी-मुसकान बबुआ
ईहे लोग होला अल्ला-भगवान बबुआ

जब-जब तूँ पड़ल बेमार
बहल नैनवा से धार
तोहरे ख़ातिर तड़पल-कुहूकल परान बबुआ
ईहे लोग होला अल्ला-भगवान बबुआ

गहना-गुड़िया सब बिकाइल
असहीं ना डिगरी बा आइल
अबही बन्हकी पिपरतर के बा बथान बबुआ
ईहे लोग होला अल्ला-भगवान बबुआ

हिनकर चरन दबाव
जूड़े-मिले से जेवाव
मोका मिले तब जइह देवस्थान बबुआ
ईहे लोग होला अल्ला-भगवान बबुआ

                                                                                      Mahesh Thakur Chakor

 

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