“Main Pal Do Pal Ka Shair Hoon” Mukesh की याद में सुरीली शाम

 “Main Pal Do Pal Ka Shair Hoon”  Mukesh की याद में सुरीली शाम

मैं पल दो पल का शायर हूँ .. मुकेश की याद में सुरीली शाम

मैं पल दो पल का शायर हूँ .. मुकेश की याद में सुरीली शाम

पटना, 27 अगस्त दर्द भरे नगमों के बेताज बादशाह महान पार्श्वगायक मुकेश चंद्र माथुर की याद में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा बिहार कला संस्कृति प्रकोष्ठ, बिहार के सौजन्य से ऑनलाइन संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कलाकारों ने एक से एक बढ़कर प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, बिहार कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष देव कुमार लाल की अध्यक्षता एवं कायस्थ रत्न, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद की देखरेख में मुकेश चंद्र माथुर की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘मुकेश तेरी याद में’ कार्यक्रम का आयोजन “फेसबुक लाइव” के द्वारा किया गया।कार्यक्रम में मुकेश के गाये सदाबहार गीत मैं पल दो पल का शायर हूँ , ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना, जाने कहाँ गये वो दिन, कभी कभी मेरे दिल कहीं दूर जब दिन ढल जाए, किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार’, ‘सजन रे झूठ मत बोलो’, ‘मेरा जूता है जापानी’, ‘दोस्त दोस्त ना रहा’ ‘एक प्यार का नगमा है’ आवारा हूं..या गर्दिश में हूं आसमान का तारा हूँ ,सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी के जरिये कलाकारों ने उन्हें ट्रिब्यूट दिया। श्री लाल ने बताया कि कार्यक्रम में पवन त्यागी, जुबिन सिन्हा,राम
कुमार लाल, सुबोध नंदन सिन्हा (हवाईयन गिटार),घनश्याम अग्रवाल, कुमार संभव, शांतनु मित्रा, उर्वशी सिन्हा, नीलम गुप्ता, श्रीनिवासन रमन,अनिल कुमार दास, अनवर आलम, नितेश रमण, रितेश कुमार ,धीरेंद्र सिन्हा, शिवाधार लाल, अमिताभ श्रीवास्तव, रंजीत प्रसाद सिन्हा, नीरज कुमार सिन्हा, लखी रॉय, सृष्टि सिन्हा, रवि रंजन प्रसाद कीबोर्ड प्लेयर, समेत कई कलाकारों ने शिरकत की और समां को बांध दिया।कार्यक्रम में सम्मिलित सभी प्रतिभागियों कलाकारों को आर्यभट्ट निकेतन खगौल मोती चौक की प्रिसिंपल श्रीमती विभा सिन्हा एवंश्री सत्यकाम सहाय के द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं सम्मान पत्र से सम्मानित किया जायेगा।

इस बीच जदयू प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ,अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र श्रीवास्तव, राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने मुकेश की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुये कहा कि मुकेश ने एक से एक बढ़कर गीत गाकर लोगों का दिल जीता। मुकेश की आवाज दिल में सीधे उतरती थी. उन्हें गोल्डन आवाज का गायक कहा जाता है। दर्द के गीतों को एक मूड के साथ गाने में उनका कोई सानी ही नहीं था। उन्होंने अपने गाये सदाबहार नगमों के जरिये श्रोताओं के दिलों पर अमिट पहचान बनायी है। उन्होंने भारतीय सिनेमा के संगीत जगत को नया आयाम दिया। गायकी के क्षेत्र में उनके योगदान को कोई भूला नहीं सकता। आज भी वे अपने आवाज के जरिए लोगों के दिल पर राज करते
हैं।

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